मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके करीबी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से लोकायुक्त पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। अब तक की जांच में 93 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जिसमें 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद शामिल हैं।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Thu, 30 Jan 2025 09:25:18 PM (IST)
Updated Date: Thu, 30 Jan 2025 09:25:18 PM (IST)
HighLights
- सौरभ ने काली कमाई छुपाने के लिए करीब आठ कंपनियां बनाई थीं।
- 40 एकड़ जमीन, 10 करोड़ नकद, शेयर बाजार में निवेश का खुलासा।
- सौरभ शर्मा मुख्य आरोपी, चेतन और शरद सह-आरोपी बनाए गए।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया : भोपाल। काली कमाई के मामले में गिरफ्तार मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके करीबी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से पिछले तीन दिन में लोकायुक्त पुलिस 15 घंटे से अधिक पूछताछ कर चुकी है।
सौरभ से पूछताछ में पता चला है कि उसने काली कमाई को ठिकाने के लिए कई बेनामी कंपनियां बनाई थीं। यह कंपनियां चेतन, शरद और सौरभ के रिश्तेदारों के नाम हैं। अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में बड़ा निवेश पाया गया है। कंपनी के नाम से 20 हजार वर्ग फीट तक प्लाट खरीदे गए थे।
पत्नी के नाम कंपनी
इसके पहले अविरल इंटरप्राइजेज कंपनी बनाई थी, जिसमें सौरभ की पत्नी दिव्या तिवारी और शरद जायसवाल की पत्नी कृष्णा जायसवाल डायरेक्टर हैं। यह कंपनी जमीन खरीदी-बिक्री का काम करती है। सौरभ वर्ष 2016 में नौकरी में आया था, कंपनी दिसंबर 2017 में बनाई।
आठ कंपनियों की जानकारी मिली
सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में अभी तक लगभग आठ कंपनियों की जानकारी मिली है। कुछ में सौरभ का ममेरा साला रोहित तिवारी भी डायरेक्टर है। सौरभ से पूछताछ में जैसे-जैसे राज खुल रहे हैं, उन नेताओं और अधिकारियों की धड़कनें बढ़ रही हैं, जिन्होंने सौरभ आगे बढ़ाया।
तीनों से एक साथ होगी पूछताछ
लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सौरभ अभी तो रटी हुई बातें बोल रहा हैं, तीनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी। इसमें उनसे जुड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आने की आशंका है। लोकायुक्त पुलिस के अतिरिक्त नेताओं और अधिकारियों को डर ईडी व आयकर विभाग की पूछताछ से है।
बता दें कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 दिसंबर को सौरभ और चेतन के भोपाल स्थित घर पर छापा मारा था। इसके बाद आयकर विभाग व ईडी ने भी छापेमारी की। तीनों एजेंसियों को मिलाकर सौरभ और करीबियों की 93 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला था।
अब तक पूछताछ में कई राज खुले
सौरभ ने शेयर बाजार में बड़ी राशि निवेश की है। पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है, किसके नाम से किस कंपनी के कितने शेयर खरीदे थे।
सौरभ ने बताया है कि फरारी के दौरान उसे पकड़े जाने का डर था, इसलिए किसी से फोन पर बात नहीं की थी। वह दिल्ली और आसपास के राज्यों में रहने के बाद ग्वालियर और इसके बाद भोपाल आया, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
- लगभग 40 एकड़ जमीन होने का पता चला है। अब उन लोगों से पूछताछ की जाएगी, जिनके नाम जमीन की रजिस्ट्री है।
- कार में मिले 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकदी के मामले में सौरभ और चेतन दोनों पल्ला झाड़ रहे हैं।
- चेतन के नाम फिशरीज और पेट्रोल पंप का ठेका है, पर उसने साफ कहा है कि पूरी संपत्ति सौरभ की है।
- दुबई में सपत्ति होने से इन्कार किया है। हालांकि, इस संबंध पुलिस फिर पूछताछ करेगी।
अब आगे क्या
सौरभ और उसकी पत्नी दिव्या शर्मा के रिश्तेदारों से चार फरवरी के बाद पूछताछ की जाएगी। लगभग 18 लोगों से पूछताछ की तैयारी है। पूछताछ के दौरान सौरभ, चेतन और शरद जायसवाल का आमना-सामना कराया जाएगा। अभी सौरभ को मुख्य आरोपित और चेतन व शरद हो सह आरोपित बनाया गया है।
सौरभ से पूछताछ के बाद कुछ और लोग भी आरोपित बनाए जा सकते हैं। तीनों आरोपितों की पुलिस हिरासत चार फरवरी को पूरी हो रही है। उसी दिन पुलिस इन्हें कोर्ट में प्रस्तुत करेगी। अब आगे रिमांड लेने तैयारी में पुलिस नहीं है।
ऐसे में बचे तीन दिन में पुलिस सभी बिंदुओं पर पूछताछ पूरी करेगी। छापे में ईडी और आयकर की टीम को मिले उन दस्तावेजों के बारे में भी पुलिस द्वारा पूछताछ की जाएगी, जिनमें करोड़ों रुपये का हिसाब और शार्ट में टीएम, टीसी जैसे कुछ नाम लिखे हुए हैं।
सौरभ और शरद को उनके घर लेकर पहुंची पुलिस
लोकायुक्त पुलिस की टीम गुरुवार दोपहर सौरभ को लेकर ई-7 स्थित उसके आवास पर पहुंची। एक टीम शरद को लेकर उसके आवास पर गई। सीन रीक्रिएशन और साक्ष्य संकलन के लिए दोनों को पुलिस लेकर गई थी। पुलिस ने उनके घर में उन स्थलों के बारे में भी बयान लिए जहां से चांदी व नकदी बरामद की थी।
सुरक्षा पर ध्यान नहीं, कोहेफिजा थाने से पैदल लेकर आए
सौरभ, चेतन और शरद जायसवाल को लोकायुक्त पुलिस गुरुवार सुबह 10 बजे के करीब लगभग 100 मीटर दूर कोहेफिजा थाने से पैदल लेकर आई। 10 पुलिसकर्मी तीनों का हाथ पकड़कर ले आए। इस दौरान सड़क में लोग तमाशबीन बन गए।
सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने कोर्ट में उसकी जान को खतरा बताया था। इसके बाद भी पुलिस ने इस तरह की लापरवाही की। सुरक्षा की दृष्टि से तीनों को हर दिन अलग-अलग थानों के लाकअप में रखा जा रहा है।