जबलपुर-भोपाल के बीच दूरी 312 से घटाकर 255 किमी करने की योजना है। 14,000 करोड़ की लागत से हाई-स्पीड ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बनाया जाएगा। नौरादेही जंगल के बीच नया मार्ग प्रस्तावित है, लेकिन वन भूमि अधिग्रहण चुनौतीपूर्ण होगा। मार्ग के विकल्पों के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 25 Feb 2025 10:42:54 PM (IST)
Updated Date: Tue, 25 Feb 2025 10:43:38 PM (IST)
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HighLights
- जबलपुर-भोपाल दूरी घटाकर 255 किमी करने की योजना।
- 14,000 करोड़ की लागत से हाई-स्पीड कॉरिडोर निर्माण।
- नौरादेही जंगल के बीच से नया मार्ग निकाला जा सकता है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर : जबलपुर से भोपाल की दूरी अभी 312 किलोमीटर है, जिसे 255 किलोमीटर बनाने की तैयारी हो रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इसके लिए अलग-अलग ग्रीन फील्ड हाई स्पीड कॉरीडोर बनाने जा रहा है।
विजन 2047 के तहत यह प्रोजेक्ट है, जिसकी अनुमानित लागत 14 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें मौजूदा मार्ग के कुछ हिस्से का उपयोग करते हुए एक अलग मार्ग बनाया जाएगा।
नौरादेही जंगल के बीच रायसेन से सड़क निकालने की तैयारी
जबलपुर के बाद तेंदुखेड़ा के नौरादेही जंगल के बीच रायसेन होते हुए यह मार्ग बनाने की तैयारी है ताकि भोपाल के लिए अब्दुल्लाहगंज से होकर न जाना पड़े। मौजूदा रोड से अलग मार्ग बनेगा।
वन भूमि का अधिग्रहण चुनौती
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत साहू ने बताया कि इस कॉरीडोर को बनाने के लिए वन भूमि का बड़ा हिस्सा अधिग्रहण किया जाना है। यह एक चुनौती होगी क्योंकि इसके लिए बहुत से विभागों की अनुमति की जरूरत होती है।
मार्ग के विकल्प के लिए कंसल्टेंट की नियुक्त
जबलपुर के बाद हिरन नदी के आगे से नया मार्ग बनाने की योजना है। इसमें वन भूमि आएगी। यहां से रायसेन होते हुए भोपाल के लिए मार्ग बनाया जाना है। अमृत साहू ने बताया कि मार्ग के कितने विकल्प होंगे यह देखने के लिए ही कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा।
अभी क्यों है अधिक दूरी
जबलपुर से भोपाल जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 45 से होकर जाना पड़ता है। यह मार्ग तेंदुखेड़ा-अब्दुल्लागंज से होकर भोपाल जाता है। मार्ग कई जगह घुमावदार है जिस वजह से दूरी बढ़ी हुई है।
एनएचएआइ इस मार्ग की लंबाई को कम करने के लिए ही नया मार्ग बनाने जा रहा है। इस नए मार्ग पर व्यावसायिक गतिविधियां अधिक होंगी।