प्रथम चरण में 2000 गोवंशियों को रखने लायक गोशाला का निर्माण किया जाएगा। तीन चरणों में यह गोशाला पूरी तरह बनकर तैयार होगी।इसमें गायों के आधुनिक तरीके से रख-रखाव के साथ ही उनके उपचार के लिए सभी संसाधनों से युक्त चिकित्सा वार्ड का भी निर्माण किया जाएगा। जैविक संयंत्र भी लगेगा।
By Madanmohan malviya
Publish Date: Fri, 22 Nov 2024 04:04:26 PM (IST)
Updated Date: Fri, 22 Nov 2024 06:32:14 PM (IST)
HighLights
- विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया स्थल का निरीक्षण।
- लगभग 15 करोड़ की लागत से बनेगी यह गोशाला।
- इस गोशाला का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले विदिशा रोड स्थित बरखेड़ी डोब गांव में प्रदेश की पहली अत्याधुनिक गोशाला बनेगी। शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भूमिपूजन करेंगे।
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर गुरुवार को विधायक रामेश्वर शर्मा ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण ने गोशाला निर्माण स्थान का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
आधुनिक तरीके से होगा निर्माण
इस मौके पर विधायक शर्मा ने कहा कि 25 एकड़ क्षेत्र में प्रदेश की पहली हाईटेक गोशाला बनने जा रही है। प्रदेशभर में गोशालाओं के निर्माण के साथ ही गोमाताओं के आहार और सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस गोशाला में 10 हजार गोमाताओं को रहने की व्यवस्था होगी।
इसमें चौबीस घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी भी लगेंगे। जैविक खाद निर्माण का संयंत्र भी लगेगा। इसमें गायों के आधुनिक तरीके से रख-रखाव के साथ ही उनके उपचार के लिए सभी संसाधनों से युक्त चिकित्सा वार्ड का भी निर्माण किया जाएगा।
नगर निगम करेगा संचालन
यहां पर यह बता दें कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत की गोशाला का निर्माण कराया जाएगा। नगर निगम एवं पशुपालन विभाग नोडल एजेंसी होंगे। इस गोशाला की फंडिंग स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और जिला पंचायत द्वारा की जाएगी। वहीं गोशाला का संचालन नगर निगम द्वारा किया जाएगा।
तीन चरणों में होगा निर्माण
इस अत्याधुनिक गोशाला का निर्माण तीन चरणों में होगा। जिसमें प्रथम चरण में लगभग 2 हजार पशु क्षमता का निर्माण किया जाएगा। इस अत्याधुनिक गोशाला में गायों को भूसा, हरी घास, पशु आहार आदि कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।
जैविक खाद संयंत्र लगेगा
गोशाला में गाय के गोबर एवं मूत्र से विभिन्न सामग्री तैयार की जाएगी और जैविक खाद निर्माण के लिए संयंत्र भी लगाया जाएगा। गोशाला में रहने वाले पशुओं एवं सड़कों पर घायल एवं बीमार होने वाले मवेशियों के उपचार के लिए चिकित्सा वार्ड भी बनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश की मोहन सरकार वर्तमान हिंदू वर्ष (चैत्र माह से फाल्गुन माह तक) को गो-संरक्षण एवं गो-संवर्धन वर्ष के रूप में मना रही है। इसके तहत सरकार द्वारा गोवंशी पशुओं के हित में कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।