बैतूल जिले के द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 2013 में हुए सवा करोड़ रुपये के गबन मामले में भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा सहित चार आरोपितों को दोषी ठहराया। विनय ओझा को सात साल की जेल और 14 लाख रुपये जुर्माना, जबकि मामले के मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम को 10 साल की जेल और 80 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 24 Dec 2024 09:12:20 PM (IST)
Updated Date: Tue, 24 Dec 2024 09:36:23 PM (IST)
HighLights
- नमन ओझा के पिता को बैंक गबन में 7 साल की जेल।
- किसानों के फर्जी नाम पर केसीसी लोन निकाले थे।
- मास्टरमाइंड मैनेजर रत्नम को हुई 10 साल जेल
नईदुनिया प्रतिनिधि, बैतूल। बैतूल जिले के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा को सात वर्ष के कारावास और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला बैंक आफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में वर्ष 2013 में हुए सवा करोड़ रुपये से अधिक राशि के गबन का है।
मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक अभिषेक रत्नम, सहायक प्रबंधक विनय कुमार ओझा, किसान धनराज एवं लखन को भी सजा हुई है। मुलताई के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी की अदालत ने इस गबन के मास्टर माइंड मुलताई शाखा के प्रबंधक अभिषेक रत्नम को 10 वर्ष के कारावास एवं 80 लाख रुपये के जुर्माना से दंडित किया गया है।
केसीसी के लिए खुलवाए गए थे 34 फर्जी खाते
सहायक लोक अभियोजक राजेश साबले ने बताया कि वर्ष 2013 में अभिषेक रत्नम ने जौलखेड़ा शाखा के बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का उपयोग कर 34 फर्जी खाते खुलवाए और उनमें केसीसी का लोन ट्रांसफर कर गबन कर लिया था। तब विनय ओझा सहायक प्रबंधक थे। 19 जून 2014 को बैंक के शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने गबन की शिकायत थाने में की थी।
किसानों के फर्जी नाम व फोटो लगाकर निकाले लोन
शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि निकाली गई है। ग्राम तरोड़ा बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपये निकाल लिए गए। अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर सवा करोड़ रुपये की राशि निकाली गई थी।
पुलिस ने विनय ओझा, अभिषेक रत्नम, कैशियर दीनानाथ राठौर, किसान जिनके खाते में राशि जमा की गई थी धनराज, लखन एवं अन्य के खिलाफ धारा 409, 467,468, 471, 120 बी, 34 एवं आइटी एक्ट की धारा में मामला दर्ज किया था। विनय ओझा को पुलिस ने वर्ष 2022 में गिरफ्तार किया था।
भेजे गए जेल
विवेचना के दौरान कैशियर दीनानाथ राठौर की मृत्यु हो गई थी। न्यायालय से जमानत मिलने के बाद से चारों आरोपित बाहर थे। मंगलवार को न्यायालय ने सजा सुनाई जिसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर मुलताई जेल भेज दिया है। सजा सुनने के बाद क्रिकेटर के पिता विनय कुमार ओझा रुंआसे हो गए थे। वे मुंह छिपाकर अदालत से बाहर निकले।