हजरत निजामुद्दीन से यशवंतपुर जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में रेलवे कर्मचारियों की एक बड़ी चूक सामने आई है। रेलवे द्वारा बीईआई कोच में रिजर्वेशन देने के बाद कर्मचारी उसे लगाना ही भूल गए। इतना ही नहीं ट्रेन में सवार हुए यात्रियों ने जब इसकी शिकायत रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 और रेल मदद एप पर की तो कोई सुनवाई नहीं हुई।
Publish Date: Wed, 05 Nov 2025 09:46:12 AM (IST)
Updated Date: Wed, 05 Nov 2025 10:28:10 AM (IST)

HighLights
- दूसरे कोच में खड़े रहे यात्री, आपस में होने लगे झगड़े।
- कोई भी उनकी शिकायत सुनने को तैयार नहीं था।
- सबसे ज्यादा परेशानी का सामना महिला यात्रियों को हुआ।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। हजरत निजामुद्दीन से यशवंतपुर जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यात्रियों को रिजर्वेशन देकर रेलवे द्वारा कोच ना लगाने का मामला सामने आया है। 51 यात्रियों को थर्ड एसी के बीईआई कोच में रिजर्वेशन दिया गया था, लेकिन वो कोच ही ट्रेन में नहीं लगा था।
सबसे बड़ी बात कई यात्रियों ने रेल मदद एप से लेकर हेल्पलाइन नंबर 139 तक शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्वालियर स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी, तो यात्रियों के आरोप थे कि ट्रेन में मौजूद रेल कर्मचारियों ने उन्हें धमकाया और चुपचाप सफर करने के लिए कहा।
स्थिति यह हुई कि ट्रेन के अंदर भी यात्रियों में आपस में विवाद हो रहा था। जिन यात्रियों के पास उक्त कोच के टिकट थे, वे अन्य सवार यात्रियों के कारण परेशान हुए। जब कोच में अतिरिक्त भीड़ सवार हो गई, तो कई यात्रियों ने दिल्ली से ग्वालियर के बीच चैन पुलिंग की।
शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया
यात्री यास्मीन अंसारी ने बताया कि दिल्ली से ट्रेन चलने से पहले हमने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। मैं अकेली महिला हूं और सामान भी बहुत ज्यादा है। ग्वालियर में ट्रेन से सामान उतारकर अब दूसरे कोच तक जाने के लिए कुली को बार-बार पैसे देने पड़ रहे हैं। बेटिकट यात्रियों से तो रेलवे तुरंत जुर्माना वसूल लेता है। हमारी असुविधा का खामियाजा कौन भुगतेगा।
टिकट कन्फर्म, लेकिन ट्रेन में कोच ही नहीं था
यात्री आदित्य मेहरा ने बताया कि मैं निजामुद्दीन से बेल्लारी तक जा रहा हूं। हमारे पास कन्फर्म टिकट थे, लेकिन ट्रेन में कोच ही नहीं था। हम बीई-एक कोच में चढ़े, तो पता चला कि ये हमारा कोच नहीं है। ट्रेन चलने को हुई, तो मजबूरन मुझ सहित कई यात्री सवार हो गए। बाद में पता चला कि ट्रेन में बीईआई कोच लगा ही नहीं है। स्टाफ भी कुछ नहीं बता पा रहा था।